रणनीति में कहा गया है, 'चीन तेजी से उभरती विघटनकारी वैश्विक शक्ति है। चीन ऐसे हितों और मूल्यों के लिए अधिक अनुकूल माहौल में अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाना चाहता है जो हमसे बहुत अलग हैं। रणनीति के मुताबिक, कनाडा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने देश की सैन्य उपस्थिति और साइबर सुरक्षा बनाने के लिए करीब 1.7 अरब डॉलर का निवेश करेगा। नीति में बौद्धिक संपदा की रक्षा करने और चीनी स्वामित्व वाले व्यवसायों को आवश्यक खनिज आपूर्ति में कटौती करने से रोकने के लिए विदेशी निवेश के सख्त नियमों का भी उल्लेख किया गया है।
रणनीति में कहा गया, कनाडा चीन को एक बड़ी सामाजिक और आर्थिक ताकत के तौर पर देखता है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। साथ ही कहा कि चीन अपने हितों की पूर्ति के लिए नियमों को तोड़ने में पीछे नहीं हटेगा। कनाडा ने यह भी कहा कि चीन के उद्देश्यों पर नजर रखना जरूरी है।
26 पन्नों के इस दस्तावेज के मुताबिक चीन इन अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों के जरिए उभरा है, जिसे वह अब खारिज कर रहा है। अब इसका इंडो-पैसिफिक पर गहरा असर पड़ रहा है। अब वह पूरे क्षेत्र की बड़ी महाशक्ति बनना चाहता है। इसमें आगे कहा गया, 'चीन अपने आर्थिक-कूटनीतिक प्रभाव, आक्रामक सैन्य क्षमताओं और उन्नत तकनीकों को स्थापित करने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है।'
Post a Comment