Dangerous Bacteria: बेशक, कोरोना वायरस बीमारी ने पिछले 3 वर्षों में भारत में लाखों लोगों की जान ले ली है, लेकिन यह भारत में सबसे घातक रोगजनकों में से नहीं है। द लांसेट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पांच बैक्टीरिया - ई. कोली, एसपी निमोनिया, के. न्यूमोनिया, एस. ऑरियस और ए. बॉमनी भारत में सबसे घातक रोगजनकों में से हैं। ये आंकड़े कई सवाल भी खड़े करते हैं और इन पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।
विभिन्न संक्रमणों के कारण मृत्यु
इस रिपोर्ट के अनुसार, इन 5 जीवाणुओं के कारण होने वाले संक्रमणों ने 2019 में सामूहिक रूप से भारत में 6.8 लाख से अधिक लोगों की जान ले ली, जबकि डायरिया और निमोनिया से जुड़े ई. कोलाई ने सबसे अधिक 1.6 लाख लोगों की मृत्यु का कारण बना। . एसपी निमोनिया से 1.4 लाख लोग, के. निमोनिया से 1.3 लाख लोग, एस. ऑरियस से 1.2 लाख लोग और ए. बॉमनी से 1.1 लाख लोग मारे गए।
2019 का आंकड़ा डराने वाला है
लैंसेट की यह रिपोर्ट 33 प्रजातियों में बैक्टीरिया के संक्रमण से हुई मौत पर आधारित है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2019 में भारत में बैक्टीरिया के संक्रमण से 13.7 लोगों की जान चली गई। ऊपर बताए गए 5 बैक्टीरियल इंफेक्शन के अलावा साल्मोनेला टाइफी, नॉन टाइफाइड साल्मोनेला और स्यूडोमोनास एरुगिनोसा जैसे बैक्टीरिया भी लोगों की जान ले रहे हैं।
अन्य देशों में भी ऐसी ही समस्या है।
ऐसा नहीं है कि ये बैक्टीरिया सिर्फ भारत में ही जान ले रहे हैं, ये दूसरे देशों में भी मौत का कारण बन रहे हैं. लैंसेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर हर साल करीब 1.3 करोड़ लोग संक्रमण के कारण मरते हैं। इसमें आधे से ज्यादा मौतों की वजह 5 बैक्टीरिया थे।
रिपोर्ट पर गंभीरता से विचार
वाशिंगटन विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) के सह-लेखक और निदेशक डॉ. क्रिस्टोफर मरे ने कहा कि इस नए डेटा ने पहली बार दुनिया के सामने बैक्टीरिया के संक्रमण से उत्पन्न वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों को रखा है. . इन पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है ताकि संक्रमण के बढ़ते मामलों पर काम करते हुए इस स्थिति पर काबू पाया जा सके.
Post a Comment