Chhattisgarh News: पर्यावरण संरक्षण के लिए सीएम ने रोमाशंकर को किया सम्मानित, अब तक साढ़े आठ लाख पेड़ों का किया गया है संरक्षण

Chhattisgarh Latest Hindi News: रोमाशंकर यादव हर साल अपने और अपने परिवार के सदस्यों के जन्मदिन पर और पितृपक्ष में पूर्वजों की याद में पौधे लगाते रहे हैं. उन्होंने अपने परिवार के साथ अपनी छह पीढ़ियों के नाम पर पौधे भी लगाए हैं।

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Chhattisgarh News Today: दुर्ग जिले के ग्राम डुंडेरा निवासी रोम शंकर यादव 25 साल (Rom Shankar Yadav, Durg) से अधिक समय से छत्तीसगढ़ में पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं। वहीं, रायपुर में आयोजित आउटलुक स्पीकआउट रीइमेजिनिंग छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में उन्हें राज्य में पर्यावरण संरक्षण के कार्यों में उत्कृष्ट योगदान के लिए राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया है. राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रोम शंकर यादव को यह सम्मान दिया है.

रोम शंकर यादव ने जन्म से लेकर मृत्यु तक विभिन्न शुभ अवसरों पर पौधे रोपने और उपहार देने की अनूठी और अनुकरणीय परंपरा स्थापित की है। हर साल रक्षाबंधन पर पेड़ों को राखी बांधकर उनकी रक्षा का संकल्प लेती हैं। उनके नेतृत्व में हितवा संगवारी संस्था की देखरेख में दो लाख नए पेड़ तैयार किए गए हैं। वहीं, मरोदा बांध के आसपास के साढ़े छह लाख पेड़ों को कटने से बचा लिया गया है. इस तरह करीब साढ़े आठ लाख पेड़ों को रोम शंकर यादव ने संरक्षित किया है।

पर्यावरण को बचाने के लिए की पदयात्रा

रोम शंकर भी लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से जल, जंगल और जमीन के मुद्दे पर आवाज उठाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक करने का काम कर रहे हैं। वर्ष 2004 में खारून नदी के उद्गम स्थल से लेकर संगम स्थल तक उन्होंने नदी के तट पर करीब 250 किलोमीटर की पदयात्रा भी की है. इस पर उनके द्वारा लेख भी लिखे गए हैं। मंडला डिंडोरी जंगल में जल, जंगल और जमीन को लेकर वर्ष 2002 में आयोजित संवाद यात्रा में भी भाग लिया था।

छह पीढिय़ों से पौधारोपण कर रहे हैं

पर्यावरण प्रेमी गैंदलाल देशमुख ने अपने गांव से लेकर जिला मुख्यालय तक लगाए गए सैकड़ों बरगद पीपल और गस्ती के पेड़ों को काटे जाने का विरोध किया और उन्हें कटने से बचाया. साथ ही वह नदियों में प्रदूषित पानी छोड़े जाने के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। वे जल संरक्षण के संबंध में लेख भी लिखते रहे हैं। रोमाशंकर यादव हर साल अपने और अपने परिवार के सदस्यों के जन्मदिन पर और पितृपक्ष में पूर्वजों की याद में पौधे लगाते रहे हैं। उन्होंने अपने परिवार के साथ अपनी छह पीढ़ियों के नाम पर पौधे भी लगाए हैं।

अप्रैल कूल का देते हैं संदेश

वहीं, हर साल शादी की सालगिरह पर रोमाशंकर यादव पौधारोपण करते हैं। उनके लगाए कई पौधे पेड़ बन गए हैं। इसी तरह हर साल 1 अप्रैल को अप्रैल फूल की जगह पौधारोपण कर अप्रैल कूल का संदेश देकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक कर रहे हैं। उनके प्रयासों से दुर्ग सहित राज्य के अन्य जिलों में वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण के लिए ऐसे कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. उनके काम से प्रेरित होकर हजारों लोग अब इस तरह से पौधे लगा रहे हैं।

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